नेता प्रतिपक्ष ने कहा कमलनाथ सरकार का बजट पूरी तरह निराशावादी
भोपाल। कमलनाथ सरकार का यह पहला बजट सरकार के खोखलेपन को उजागर करता है। यह बजट आधारहीन बजट है । गप्पबाजी औऱ शायरियों के अलावा इस बजट में कुछ भी नही है। बजट गरीब, युवा, मध्यम वर्ग के लिए निराशा जनक है। सरकार खुद को कर्मवीर बता रही है लेकिन इस बजट में कुछ प्रावधानों पर कटौती कर सरकार ने यह साबित कर दिया की वह कर्मवीर नही शर्मवीर है। यह बात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बुधवार को कमलनाथ सरकार के पेश हुए बजट पर प्रतिक्रिया में कही । उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ़ यह बोलती है कि प्राइवेट सेक्टर में युवाओं को 70 प्रतिशत आरक्षण देंगे। लेकिन 7 माह में सरकार एक भी बेरोजगार युवा को नौकरी नही दे पाई। सरकार ने युवाओं के साथ छलावा किया। चुनाव के पहले बेरोजगार युवाओं को 4 हजार प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ते का वचन दिया था, लेकिन बेरोजगारी भत्ते को लेकर बजट में कोई भी स्पष्ट उल्लेख नही किया है। सिर्फ बातोँ में घुमाने का प्रयास किया है। कमलनाथ सरकार को मावा बाटी, जलेबी और चिरौंजी बर्फी की ब्रांडिंग करने के बजाय ठोस काम करने की जरूरत है। सरकार ने चुनाव के पहले जनता को जो वचन दिए थे, उन्हें पुरे करने की इस बजट में कोई मंशा नही दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि इस बजट में कमलनाथ सरकार ने गौशाला को लेकर तीन माडल की बात कही है। सरकार बताएं कि वह बीते 7 माह में एक भी गौशाला क्यों नहीं खोल पाई। सरकार सिर्फ झूठ बोलने का काम कर रही है। सरकार गाय की पूछ पकड़ कर वैतरणी पार करना चाहती है। लेकिन इससे सरकार का भला होने वाला नहीं है।
बजट में हुआ किसानों के साथ भी छल
उन्होंने कहा कि कर्जमाफी के लिए सिर्फ 8 हजार करोड़ का प्रावधान सरकार की कर्जमाफी पर प्रश्न खड़ा करती है। इस बात से यह स्पष्ट है कि कमलनाथ सरकार किसानों कितनी गंभीर है। यह सरकार किसानों के साथ छलावा कर रही है। मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना के लिए कमलनाथ सरकार ने 309 करोड का प्रावधान किया है। जबकि भाजपा सरकार ने बजट में 350 करोड़ का प्रावधान किया था। इस बजट में स्मार्ट सिटी के लिए किए गए प्रावधान में भी कटौती की गयी है। भाजपा सरकार ने स्मार्ट सिटी के लिए 700 करोड़ का प्रावधान किया था। कमलनाथ सरकार ने इसमें कटौती करते हुए सिर्फ 300 करोड़ कर दिया है। इसी तरह सिंचाई परियोजना में हमारी सरकार ने 10928 करोड़ रूपये प्रावधान किए थे। जिसे इस बजट में 6877 करोड़ कर दिया गया है।
अल्पसंख्यक वर्ग के साथ किया छलावा
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने अल्पसंख्यक वर्ग के साथ छलावा किया है। भाजपा सरकार ने सबका साथ सबका विकास के मन्त्र को साकार करते हुए अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याण के लिए अलग से 31 करोड़ 18 लाख एवं पिछडा वर्ग कल्याण के लिए 961 करोड़ इस प्रकार कुल 992 करोड़ का प्रावधान किया था। जिसे घटाकर कमलनाथ सरकार ने इस बजट में 821 करोड़ कर दिया है। सरकार को यह बताना चाहिए कि उसने पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के साथ यह धोखा क्यों किया।
बिजली बिल की जगह उर्जा का बजट आधा किया
भार्गव ने कहा कि अघोषित विद्युत कटौती का दंश झेल रही जनता को इस बजट में कोई राहत नहीं मिली है। उल्टा उर्जा क्षेत्र में कटौती कर सरकार ने जनता को सिर्फ अंधेरे का रास्ता दिखाया है। कांग्रेस ने चुनाव में गरीबो को बिजली बिल आधा करने का वचन दिया था लेकिन पहले बजट में सरकार ने बिजली बिल हाफ करने के बजाय उर्जा का बजट आधा कर दिया है। भाजपा सरकार ने उर्जा क्षेत्र के अंतर्गत 18 हजार 72 करोड़ का प्रावधान किया था। जिसे आधा करते हुए कमलनाथ सरकार ने सिर्फ 9 हजार 888 करोड़ पर लाकर छोड दिया है।
एक मंत्री को 3 विधायकों के निगरानी की जिम्मेदारी
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार अंतर्कलह से ग्रसित है। यह भय विधानसभा सत्र में देखने को मिल रहा है। सरकार इतनी भयभीत है कि उसने एक-एक मंत्री को अपने ही तीन-तीन विधायकों के निगरानी की जिम्मेदारी दी है। यह सरकार पूरी तरह भय में है। उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सरकार यह तर्क देती है कि हमने खाली खजाना दिया, तो वे अपने बंगलों का रंग रोगन क्यों करवा रहे हैं। ट्रांसफर पोस्टिंग पर करोड़ों रुपए क्यों खर्च कर रहे हैं। बजट में लोकलुभावन बातें कही गई है लेकिन आय के स्त्रोत स्पष्ट नहीं है। सरकार कहां से योजनाओं का क्रियान्वयन करेगी उसे खुद पता नहीं है।
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