स्मृति शेष......सुषमा स्वराज
यह चित्र 2013 का है जब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा मध्यप्रदेश में निकल रही थी। माह भी अगस्त ही था। उस उस यात्रा में मैं मीडिया सहायक के रूप में सहयात्री था। यात्रा जब विदिशा संसदीय क्षेत्र में पहुंची तो सांसद के तौर पर दीदी सुषमा स्वराज जी भी शामिल हुई। यात्रा के दौरान उनके साथ कुछ समय बिताने का सौभाग्य मुझे भी मिला। मेरे द्वारा लिखी गयी पुस्तक *आंनद धाम* उन्हें भेंट की। वैसे इतनी बड़ी शख्सियत को या तो टीवी के स्क्रीन पर संसद में भाषण देते। या बड़े भव्य मंच से जनता को संबोधित करते हुए देखा और सुना। लेकिन उस यात्रा में उनके साथ जो समय बिताया वह जीवन पर्यंत स्मरण रहेगा। उस समय और अनुभव के आधार पर मैंने यह पाया कि दीदी जितनी बड़ी शख्सियत है इतनी ही सरल और सहज एक राजनेता भी है। उस दौरान यह मैंने व्यक्तिगत तौर पर महसूस भी किया। निश्चित तौर पर उनके निधन से एक स्वर्णिम राजनीतिक युग का अंत हुआ है। विनम्र श्रद्धांजलि। श्री चरणों मे नमन।
अनूप पौराणिक
प्रदेश सह मीडिया प्रभारी
भाजयुमो मध्यप्रदेश
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