भोपाल। भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य अभिषेक मिश्रा ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर अटल इरादे के साथ यह जता दिया हो कि इरादा पक्का तो कड़ा निर्णय लिया जा सकता है। सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि कश्मीर को अब मिलेगा सामाजिक न्याय और विकास का नया रास्ता। मिश्रा ने कहा कि कश्मीर के देश की मुख्यधारा से जुड़ने में आ रही सबसे बड़ी बाधा 70 साल बाद आखिर दूर हुई। एक देश, दो संविधान और दो निशान वाली व्यवस्था अतार्किक ही नहीं, बल्कि असंवैधानिक भी थी। मिश्रा ने कहा कि संविधान में अस्थायी उपबंध के तौर पर जोड़ी गई 370 और 35 ए को तुच्छ राजनीतिक स्वार्थों के कारण कांग्रेस सरकारों ने न सिर्फ चलने दिया, बल्कि उन्हें कश्मीरियों का विशेषाधिकार बना दिया। वास्तव में ये दोनों ही अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर में सामाजिक अन्याय की वजह बन गए थे, जिनके अमानवीय दुष्परिणाम देश के अन्य हिस्सों से यहां आकर बसे लोगों को कई पीढ़ियों झेलना पड़ रहे थे। मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद देते हुए कहा उनकी सरकार के एक निर्णय ने जम्मू-कश्मीर राज्य के लाखों को पूरे सम्मान से जीने का हक प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि देश की सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, लेकिन जम्मू-कश्मीर विधानसभा कार्यकाल 6 वर्ष का था। देश के सभी राजनीतिक दल इस नारे को दोहराते थे कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन देश के अन्य हिस्सों के लोग न वहां बस सकते थे, न सरकारी नौकरी कर सकते थे और न ही वोट दे सकते थे। ये कैसा अभिन्न अंग था ? उन्होंने कहा कि देश की संसद जो कानून बनाती थी, वो पूरे देश में लागू हो जाते थे, लेकिन जम्मू-कश्मीर में नहीं होते थे। अभी भी शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, मनी लांड्रिंग विरोधी कानून, कालाधन और भ्रष्टाचार विरोधी कानून उस जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होते, जिसे हम देश का अभिन्न अंग कहते नहीं थकते।
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