उपचुनाव में सिंधिया समर्थक नेताओं को हराने के लिए घेरेबंदी शुरू
भोपाल । उपचुनाव में सिंधिया समर्थक नेताओं को हराने के लिए कांग्रेस ने घेराबंदी शुरू कर दी है। इसके लिए सिंधिया विरोधी नेताओं को एकजुट किया जा रहा है, वहीं जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है वहां की स्थिति को देखते हुए रणनीति बनाई जा रही है। इसी कड़ी में प्रदेश के जल संसाधन में तुलसीराम सिलावट को रोकने के लिए पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू को कांग्रेस में लाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभाला है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के दांव पर पलटवार करने की योजना बना रही है। दरअसल, सांवेर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक तुलसीराम सिलावट ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे करीबी और खास नेता माने जाते हैं। सिलावट के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस के पास सांवेर विधानसभा में कोई बड़ा चेहरा नहीं है जो तुलसी राम को टक्कर दे सके। इसलिए कांग्रेस प्रेमचंद गुड्डू के घर वापसी की कोशिश में लगी है।
भाजपा से नाराज चल रहे हैं प्रेमचंद
प्रेमचंद गुड्डू मालवा में कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते थे, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव के समय उन्होंने अपना खेमा बदला और भाजपा में शामिल हो गए। प्रेमचंद गुड्डू के भाजपा में शामिल होने की स्क्रिप्ट पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने लिखी थी। प्रेमचंद गुड्डू भाजपा में आ तो गए, लेकिन विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी ने उन्हें काम नहीं दिया। ऐसा कहा जा रहा है कि उज्जैन और इंदौर में पार्टी कार्यक्रमों में शामिल होने का न्यौता भी नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण अब वो पार्टी से नाराज चल रहे हैं। प्रेमचंद गुड्डू के घर वापसी की कोशिश पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कर रहे हैं। गुड्डू को दिग्विजय सिंह का करीबी माना जाता है।
बीते साल शुरू हुईं थी वापसी की अटकलें
अक्टूबर 2019 में प्रेमचंद गुड्डू ने कांग्रेस में वापसी की कोशिश शुरू की थी। उन्होंने अपने कॉलेज के कार्यक्रम में भाजपा के किसी नेता को नहीं बुलाया था । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह। कार्यक्रम में कांग्रेस के कई नेता शामिल हुए थे लेकिन भाजपा के नेताओं को गुड्डू ने न्यौता नहीं दिया था। इसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रहीं थी कि प्रेमचंद गुड्डू की कांग्रेस में वापसी हो सकती है। लेकिन तब कमलनाथ सरकार के मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और तुलसी राम सिलावट इस फैसले से संतुष्ट नहीं बताए जा रहे थे। हालांकि इस संबंध में दोनों ही नेताओं ने खुलकर कोई बयान नहीं दिया था।
सिंधिया पर बोला था हमला
ऐसा कहा जाता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भी प्रेमचंद गुड्डू को पसंद नहीं करते हैं। कांग्रेस छोड़ते समय गुड्डू ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोलते हुए कहा था कि कांग्रेस में राजा-महाराज टिकट के लिए लड़ रहे हैं, इसके साथ ही वो कई बार सिंधिया पर व्यक्तिगत टिप्पणी भी कर चुके हैं। अब सिंधिया खुद भाजपा में हैं और मालवा क्षेत्र में उनके करीबी है तुलसी सिलावट। ऐसे में प्रेमचंद गुड्डू के लिए मुश्किलें हो सकती हैं।
कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं
सांवेर विधानसभा में कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं हैं। तुलसी सिवालट प्रदेश के मंत्री हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया का पूरा समर्थन है तो भाजपा खेमा भी उन्हें उपचुनाव में जिताकर अपनी सरकार को स्थिर करने की कोशिश में है। ऐसे में कांग्रेस का पलड़ा कमजोर होता दिख रहा है। इसलिए कांग्रेस ऐसे चेहरे की तलाश में है जो तुलसी सिलावट को टक्कर दे सके। प्रेमचंद गुड्डू सांवेर विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि लॉकडाउन के बाद प्रेमचंद गुड्डू के कांग्रेस में वापसी की औपचारिक घोषणा हो सकती है।
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