दुनिया में कई तरह की अजीबोगरीब जगहें मौजूद हैं। लेकिन अगर हम आपसे ये कहें कि एक ऐसी भी जगह है जहां सिर्फ जुड़वां लोग पैदा होते हैं तो? शायद आपको विश्वास ना हो, लेकिन ऐसी जगह कहीं और नहीं, बल्कि इंडिया में ही मौजूद हैI
दरअसल, केरल के मलप्पुरम जिले में स्थित तिरुंगण्डी शहर के पास एक गांव है जिसका नाम है कोडिन्ही I आमतौर पर देखा जाता है देश में हर एक हजार पैदा होने वाले बच्चों में केवल 9 जुड़वां बच्चे होते हैं, जबकि यहां पर यह आंकड़ा 45 के ऊपर है। अक्टूबर 2016 में इस गांव में आकर देश-विदेश की कुछ संस्थाओं ने रिसर्च भी किया था, जिसमें सीएसआईआर- सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलीक्यूलर बॉयोलॉजी हैदराबाद केरल विश्वविद्याल की फिशरीज ओशन एंड स्टडीज की टीम के साथ यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन एंड जर्मनी के सदस्यों ने इस गांव का दौरा करके इस गांव के रहस्य को जानने और समझने की कोशिश की। इन लोगों ने अपने अनुसंधान यहां के लोगों के जुड़वां बच्चों के सलाइवा और बालों के सैंपल भी इकट्ठा किया थे और इस पर शोध कार्य भी कर रहे हैं। भारत के केरल प्रांत में स्थित इस मुस्लिम बहुल गांव की कुल आबादी 2000 है। इनमें से 250 से ज्यादा जुड़वां लोग हैं। ऐसे में आपको इस गांव में, स्कूल में और पास के बाजार में कई हमशक्ल बच्चे नजर आ जाएंगे।
अपनी इसी खूबी के चलते कोडिन्ही विशव स्तर पर प्रसिद्ध हो चूका है। विशव के अधिकतर बड़े मीडिया हाउस यहाँ की स्टोरी को कवर कर चुके है। विदशो के कई वैज्ञानिक समय समय पर यहाँ शोध करने आते है। भारत सरकार ने भी एक स्थानीय डॉक्टर कृषणन श्री बीजू को इसके अध्ययन के लिए नियुक्त कर रखा है।
ऐसी कई अन्य जगह भी है :-
इगबोओरा – नाइजीरिया: इसे लैंड ऑफ ट्विन्स (Land of Twins) कहां जाता है। नाइजीरिया के दक्षिण-पश्चिम में स्तिथ इगबोओरा कस्बे में शायद ही कोई ऐसा घर हो जहां जुड़वा बच्चे न हों। यहां प्रति हजार बच्चों पर 158 जुड़वा बच्चों का जन्म होता है। इसके लिए महिलाओं की डाइट को कारण माना जाता है। यहां की महिलाएं आमला और इलासा खाती हैं, जो यैम से बना होता है। यह माना जाता है कि यैम एस्ट्रोजेन का हर्बल विकल्प है। डॉक्टर भी यैम थ्योरी का समर्थन करते हैं। जबकि कई डाक्टर इसे आनुवंशिक प्रभाव बताते हैं।
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