लॉकडाउन के दौरान भी पुलिस के विशेष प्रयासों से तीन माह में ही जघन्य अपराधी पहुँचा फाँसी के फंदे तक
भोपाल । छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा थाना क्षेत्र के जमुनिया गाँव की तीन वर्षीय मासूम बच्ची का 17 जुलाई के शाम लगभग पाँच बजे अपहरण कर बलात्कार करने के बाद हत्या कर शव को माचगोरा डेम में फेंकने के आरोपी 22 वर्षीय रितेश उर्फ रोशन पिता उद्देसिंह धुर्वे को आज पुलिस की उत्कृष्ट विवेचना और त्वरित कार्यवाही के चलते विशेष न्यायालय अमरवाड़ा की अतिरिक्त न्यायाधीश श्रीमती निशा विश्वकर्मा के न्यायालय में मौत की सजा सुनाई गयी। प्रकरण गंभीर व सनसनीखेज होने से पुलिस अधीक्षक छिन्दवाड़ा विवेक अग्रवाल ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शशांक गर्ग को विभिन्न टीमों के साथ प्रकरण के संबंध में समन्वय कर आरोपी को अतिशीघ्र सजा दिलवाने हेतु योजनाबद्ध तरीके से सूक्ष्मता के साथ पर्यवेक्षण कर विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। प्रकरण में त्वरित कार्यवाही करते हुये आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ ही अतिशीघ्र विवेचना पूर्ण कर अभियोग 26 जुलाई को तैयार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया।
पुलिस टीम, एफएसएल टीम, अभियोजन अधिकारी और डीएनए टीमों के निरन्तर संयुक्त प्रयासों से दिन-रात कठिन परिश्रम कर लॉकडाउन के दौरान भी लगातार सुनवाई होने पर लगभग तीन माह में समस्त कानूनी प्रक्रिया उपरांत आज आरोपी को मौत की सजा सुनाई गई। प्रकरण में अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) अमरवाड़ा संतोष डहेरिया,तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक शशि विश्वकर्मा, एफएसएल टीम डॉ. अजिता जौहरी, अभियोजन टीम अधिकारी संजय शंकर पाल, दिनेश उइके, लोकेश घोरमोरे की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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