न्यायालय के आदेश को दरकिनार कर धान की फसल का बेजा कब्जा दिलाने का मामला
भोपाल। रायसेन जिले की गौहरगंज तहसील में राजस्व विभाग से जुड़े एक मामले पर न्यायालय के आदेश को दरकिनार करना रायसेन के पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर और राजस्व अमले को भारी पड़ता नजर आ रहा है। मामले में याचिकाकर्ता राजाराम मीणा का पक्ष सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने पांचों अफसरों को नोटिस जारी करने के आदेश दे दिए हैं। दरअसल तत्कालीन तहसीलदार संतोष बिठौलिया ने राजस्व संहिता में दिए नियमों का उल्लंघन कर कागजी कब्जा खसरा नंबर 59/4 रकबा 1.822 हेक्टेयर यानी करीब 4.50 एकड़ पर श्रीमती शोभा चौकसे को दे दिया था। इस मामले को लेकर राजाराम मीणा की ओर से उच्च न्यायालय जबलपुर में एक याचिका क्रमांक 1464 1/20 प्रस्तुत की गई थी। जिसका निराकरण 15 अक्टूबर 2020 को करते हुए प्रकरण में यथा स्थित का भी आदेश पारित कर दिया गया था। राजाराम मीणा ने 15 अक्टूबर 2020 के उच्च न्यायालय के फैसले की प्रति के साथ पुलिस अधीक्षक रायसेन, कलेक्टर रायसेन, उपखण्ड अधिकारी राजस्व, थाना प्रभारी उमरावगंज जिला रायसेन को उक्त आदेश की जानकारी दी थी। परंतु इसके पश्चात भी शोभा चौकसे धान की खड़ी फसल काट कर ले गई । उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी राजस्व अफसरों की इस मिली भगत या मनमानी के खिलाफ राजाराम मीणा ने उच्च न्यायालय में न्यायालय की अवमानना का एक प्रकरण 1986/20 प्रस्तुत किया था। उच्च न्यायालय द्वारा पिटीशन याचिका स्वीकार कर पांचों के खिलाफ नोटिस जारी करने के आदेश पारित कर दिये हैं। मामले में अगली सुनवाई 1 फरवरी 2021 को नियत की गई है।
क्या है मामला
रायसेन जिले के गौहरगंज तहसील में नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए राजस्व निरीक्षक एवं तहसीलदार ने एक निरीह किसान की खड़ी फसल का कब्जा किसी और को दिला दिया था। दरअसल रायसेन जिले के घाटखेड़ी थाना ग्राम के तहसील गौहरगंज के निवासी गंगाराम पिता रामकिशन मीणा की पुस्तैनी जमीन पर बोई धान की खड़ी फसल का कब्जा राजस्व निरीक्षक शुभा मरकाम एवं तहसीलदार संतोष बिठौरिया ने एक राय होकर षड़यंत्रपूर्वक एक पक्षीय सीमांकन करके अरविंद जैन एवं देवेंद्र जैन को दिला दिया। इस मामले में राजस्व अफसरों ने रुपयों के खातिर अपने गिरेबान के साथ विभाग के नियम कायदे भी रसूखदारों के पास गिरवी रख दिये। दरअसल उक्त भूमि के लिए देवेंद्र जैन एवं अरविंद जैन ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर षड्यंत्र रचते हुए 3 जुलाई 20 को इस आशय का एक आवेदन दिया कि गंगाराम का उपरोक्त भूमि पर अनाधिकृत कब्जा है और उस जगह उन्हें कब्जा दिलाया जाए । अरविंद जैन के आवेदन में तहसीलदार गौहरगंज संतोष विठौरिया ने भू राजस्व संहिता के नियमों का उल्लंघन करते हुए 18 अगस्त 20 को दोनों प्रकरणों में एक पक्षीय कब्जा देने का आदेश पारित कर दिया जो न्याय विरुद्ध है।
40 साल से है गंगाराम का कब्जा
राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार उपरोक्त भूमि के खसरा नंबर 5/1/1 रकबा 2.58 एकड़, खसरा क्रमांक 5/1/2 रकबा 2.00 एकड़, खसरा क्रमांक 6,9/1 रकबा 1.043, 0.113 एवं 0.780 हैक्टेयर जमीन पर गंगाराम का कब्जा सन 1980 से लगातार चला आ रहा है। गंगाराम द्वारा इस पड़तभूमि को उपजाऊ बनाकर इस पर वर्षों से कास्तकारी की जा रही है। इस वर्ष गंगाराम ने खरीफ की फसल धान संपूर्ण कृषि भूमि पर लगाई है। इस संबंध में गंगाराम ने तहसीलदार गौहरगंज को 1 सितंबर 20 एवं पुलिस अधीक्षक रायसेन को 31 अगस्त 20 को लिखित शिकायत की थी, इसके बाद भी उसकी सुनवाई नहीं की गई।
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