भोपाल । मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी है जिसके कारण हारे हुए मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि माना कि ये गैर विधायक भारी दहेज लाने वाली दुल्हनों की तरह हैं लेकिन एक गुट विशेष के तुष्टीकरण के लिए संवैधानिक परंपराओं की बलि नहीं चढ़ानी चाहिए।
गुप्ता ने पूछा कि एक मजबूत मुख्यमंत्री होने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री की ऐसी कौन सी मजबूरी है जिसके तहत वे त्यागपत्र दिए हुए मंत्रियों को मंत्री परिषद की बैठकों में आने की अनुमति दे रहे हैं और प्रस्ताव भी रखने दे रहे हैं। जबकि ये मंत्री जनता में जाकर सार्वजनिक बयान दे रहे हैं कि जन समस्यायें सुलझाना इन मंत्रियों की जिम्मेवारी नहीं है। कांग्रेस की जिम्मेदारी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपेक्षा कि वे इन मंत्रियों के त्यागपत्र स्वीकार कर संवैधानिक परंपराओं का आदर करें।
स्मरण रहे कि एक राज्यमंत्री बृजेन्द्र सिंह ने अशोकनगर मे एक बैठक में रहस्योद्घाटन किया है कि पीएचई विभाग भ्रष्टाचार के लिये सबसे बदनाम विभाग हो चुका है। क्या यह इशारा पराजित मंत्री के कार्यकलापों के लिये है? इन पराजित मंत्रियों का तुष्टीकरण का प्रदर्शन सरकार की किन मजबूरियों का हिस्सा हैं इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिये। अधिकतम एक महीने और मंत्री रहकर ये मंत्री जो खेल करेंगे उससे प्रदेश की बदनामी ही होगी।
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