ऐसे ही कई और साल आगे आने वाले हैं!
मुंबई। एण्डटीवी के ‘संतोषी मां सुनाये व्रत कथायें’ में भक्त और भगवान के बीच पवित्र और भक्तिपूर्ण रिश्ते को दर्शाते हुए एक साल पूरे हो चुके हैं। इस उपलब्धि को हासिल करना पूरी टीम के लिये बड़ा ही भावुक मौका था। इसकी वजह है कि 28 जनवरी, 2020 से जब से यह शो शुरू हुआ है, सारे एक परिवार की तरह बन गये हैं। पूरी टीम ने केक काटकर इतनी बड़ी सफलता का जश्न मनाया। इस शो के कलाकार, संतोषी मां (ग्रेसी सिंह), स्वाति (तन्वी डोगरा), असुर रानी पाॅलोमी (सारा खान) और इंद्रेश सिंह (आशीष कादियान) ने एक-दूसरे के साथ बिताये उन बेहतरीन लम्हों को याद किया। साथ ही इस शो में उनके किरदारों में कितना निखार और बदलाव आया उसके बारे में भी चर्चा की। अपना आभार व्यक्त करते हुए, ग्रेसी सिंह (संतोषी मां) ने कहा, ‘‘संतोषी मां की भूमिका निभाना मेरे लिये बेहद रोमांचक अनुभव रहा है। देवी की भूमिका निभाने पर देवत्व का भाव महसूस होता है और मुझे बेहद खुशी है कि मुझे उसे निभाने का मौका मिला। इतने बेहतरीन कास्ट और क्रू के साथ इस शो में में काम करना मुझे काम जैसा महसूस नहीं होता और मुझे ऐसा कभी किसी के साथ अनुभव नहीं हुआ।’’ तन्वी डोगरा (स्वाति) अपने भाव व्यक्त करते हुए कहती हैं, ‘‘मैं अपने निष्ठावान दर्शकों का आभार व्यक्त करना चाहूंगी। साथ ही ‘संतोषी मां सुनाये व्रत कथायें’ को एक साल लंबे सफर को आसान और सफल बनाने में अपना सहयोग देने के लिये टीम के हर सदस्य का शुक्रिया करती हूं! मेरे किरदार को भावनाओं के तूफान से होकर गुजरना पड़ा और वह उन सबसे निकल कर बाहर आयी है। स्वाति और बबली का डबल रोल निभाने से मेरे हुनर में और निखार आया है। मुझे आने वाले सालों में इसी तरह के और भी मौकों का इंतजार रहेगा।’’ इस शो में खलनायिका की भूमिका निभा रहीं, सारा खान (असुर रानी पाॅलोमी) ने कहा, ‘‘सेट पर होना हमेशा से ही रोमांचक होता है, क्योंकि यह काम ही अपने आप में काफी मजेदार है। एक साल बीत गये और ऐसा लगता है जैसे कल की ही बात हो जब हम एक-दूसरे से मिले थे। मेरे किरदार का धरती लोक पर होने से लेकर पाताल लोक से गायब हो जाना, अपने किरदार को निभाने के लिये मैंने जितने भी रूप धारण किये हैं, काफी मनोरंजन रहे हैं।’’ आशीष कादियान (इंद्रेश सिंह) कहते हैं, ‘‘अब तक का मेरा अनुभव काफी मजेदार रहा है और इतनी शानदार टीम के साथ एक साल पूरा करने पर मुझे बेहद खुशी महसूस हो रही है। जब मैं एक साल पीछे मुड़कर देखता हूं तो सबसे यादगार पल रहा है जब लाॅकडाउन के बाद हम सब दोबारा मिले थे। मुझे अपनी रील फैमिली को इतने लंबे समय के बाद देखकर बहुत अच्छा लग रहा था। आगे आने वाले कई सालों तक मुझे उनके साथ इसी तरह ताउम्र तक सहेजी जाने वाली यादों की उम्मीद है।’’
देखिये, ‘संतोषी मां सुनाये व्रत कथायें’, रात 9.30 बजे, सोमवार से शुक्रवार, केवल एण्डटीवी पर...
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