हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा, श्री निरंजनी अखाड़े ने कुंभ माह समाप्ति की घोषणा की है। अखाड़े के सचिव और अखाड़े के कुंभ प्रभारी श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने गुरुवार शाम यह घोषणा करते हुए हरिद्वार कुंभ में आए अखाड़े के सभी संत- महात्माओं से कुंभ समाप्त कर अपना अपना छत्र कमंडल लेकर मूल स्थानों पर लौट जाने का अनुरोध किया है। पत्रकारों से बातचीत में महंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि 27 अप्रैल चैत पूर्णिमा का स्नान वह लोग प्रतीकात्मक करेंगे। संतों की भीड़ नहीं रहेगी, केवल प्रमुख संत अकेले जाकर स्नान करेंगे। कोई शाही जुलूस नहीं निकलेगा और न ही शाही स्नान होगा। उन्होंने कहा कि सभी संत महात्मा जो बाहर से आए थे, उन्हें लौटने का अनुरोध कर लिया गया है और 17 अप्रैल तक अखाड़ा परिसर बाहर से आने वाले संतों से खाली हो जाएगा। वहीं, आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी ने भी अपने अखाड़े के कुंभ की समाप्ति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि चैत पूर्णिमा का स्नान अखाड़े के स्थानीय संत प्रतीकात्मक रूप में करेंगे। बाहर से आए संतों और भक्तों को वापसी के लिए कहा गया है। अब न तो शाही स्नान होगा और न ही शाही जुलूस निकलेगा।
इसलिए की घोषणा :
आखिर निरंजनी अखाड़े ने हरिद्वार कुंभ समाप्ति की घोषणा कर दी है। हालांकि हरिद्वार महाकुंभ 30 अप्रैल तक चलना था। इसके बाद भी बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण देखते हुए 17 अप्रैल को ही कुंभ समाप्ति की घोषणा करनी पड़ी। दरअसल लाखों की संख्या में कुंभ का लाभ लेने श्रद्धालु पहुंच रहे थे। आखिरकार बढ़ते कोरोनावायरस को लेकर यह फैंसला लिया गया।
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