वैज्ञानिक तथ्य को स्वीकार करना आज भी सहज नहीं : सारिका घारू
भोपाल। विज्ञान की सुविधा का सहर्ष ही उपयोग कर लेते हैं लेकिन वैज्ञानिक तथ्यों को स्वीकार करना सहज नहीं होता है। ऐसा ही कुछ देखा जा रहा है आज 10 जून 2021 शनि जयंती अमावस्या पर घटित हो रहे सूर्यग्रहण के बारे में । जिसके बारें में कहा जा रहा है कि यह भारत में नहीं दिखाई देगा। जबकि वैज्ञानिक तथ्य यह है कि इस ग्रहण का एक अंतिम सिरा भारत के अरूणाचल प्रदेश के उत्तर पूर्वी भाग में भी आंशिक ग्रहण के रूप में दिखेगा।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने नासा द्वारा जारी ग्रहण मेप में भारत के अरूणाचल प्रदेश में ग्रहण वाले भाग को दर्शाते हुये बताया कि वहां इस अति आंशिक ग्रहण के दौरान सूर्य का लगभग आधा प्रतिशत भाग ढका रहेगा। अरूणाचल प्रदेश के इस भाग में ग्रहण लगभग सायं 5ः30 के बाद आरंभ होकर वहां के सूर्यास्त होने तक दिखेगा। अरूणाचल प्रदेश चूंकि भारत का अभिन्न हिस्सा है इसलिये ये कहा जाना उचित नहीं है कि ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा।
सारिका ने बताया कि मध्यप्रदेश तथा देश के बाकी राज्यों में आंशिक सूर्य ग्रहण देखने के लिये 25 अक्टूबर 2022 का इंतजार करना होेगा जिसमें दोपहर बाद 1 घंटे से अधिक समय तक आंशिक सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा।
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