-कार्तिक मास में दीपदान एवं तुलसी की पूजा का है विशेष महत्व
भोपाल। सनातन परंपरा के अनुसार प्रत्येक मास का अपना एक धार्मिक महत्व होता है, लेकिन कार्तिक मास को भगवान भगवान विष्णु एवं विष्णु तीर्थ के समान ही कल्याणकारी माना गया है। पुराणों के अनुसार, सभी मासों का कुछ न कुछ विशेष महत्व है, लेकिन कार्तिक मास की महिमा बहुत ज्यादा बताई गई है। कार्तिक हिंदी पंचाग का आठवां महीना है। इस साल कार्तिक मास 21 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 19 नबंवर तक रहेगा। राजधानी की समाजसेवी महिला राखी शुक्ला, रेखा शर्मा, सीमा मलिक, मंजू श्रीवास, माया तिवारी ने राजधानी के खटलापुरा मंदिर जाकर दीपदान किया। राखी शुक्ला ने बताया कि कार्तिक मास को रोगनाशक मास कहा जाता है, जबकि वहीं सद्बुद्धि प्राप्त करने वाला, लक्ष्मी प्राप्त कराने वाला, मुक्ति प्राप्त कराने वाला मास भी कहा जाता है। इस मास में दीपदान का अपना एक अलग महत्व है। यह प्रभु के समक्ष निवेदन प्रकाट करने का एक तरीका होता है। राखी ने बताया कि दीपदान देवमंदिर, विद्वान ब्राह्मण के घर, नदी के किनारे या नदी में, दुर्गम स्थान अथवा भूमि पर करते हैं।
दीपदान करने के फायदे :
1. अकाल मृत्यु से बचने के लिए करते हैं दीपदान।
2. अपने मृतकों की सद्गति के लिए करते हैं दीपदान।
3. लक्ष्मी माता और भगवान विष्णु को प्रसन्न कर उनकी कृपा हेतु करते हैं दीपदान।
5. यम, शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए करते हैं दीपदान।
6. सभी तरह के अला-बला, गृहकलह और संकटों से बचने के लिए करते हैं दीपदान।
7. जीवन से अंधकार मिटे और उजाला आए इसीलिए करते हैं दीपदान।
8. मोक्ष प्राप्ति के लिए करते हैं दीपदान।
9. किसी भी तरह की पूजा या मांगलिक कार्य की सफलता हेतु करते हैं दीपदान।
10. घर में धन समृद्धि बनी रहे इसीलिए भी कहते हैं दीपदान।
11. कार्तिक माह में भगवान विष्णु या उनके अवतारों के समक्ष दीपदान करने से समस्त यज्ञों, तीर्थों और दानों का फल प्राप्त होता है।
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