वैश्विक कूटनीतिक स्तर पर हुई घटना किसी मजाक से कम नहीं, भारत से बताया 'खतरा'
जिनेवा । वैश्विक कूटनीतिक स्तर पर एक ऐसी घटना हुई है जो किसी मजाक से कम नहीं है । रेप के आरोपी और खुद को भगवान का दर्जा देने वाले नित्यानंद की ओर से स्थापित किया गया काल्पनिक देश 'कैलाशा' का एक प्रतिनिधि यूएन की मीटिंग में शामिल हुआ । इस मीटिंग में भारत के खिलाफ जहर उगलने में कोई कसर नहीं छोड़ा गया । कैलाशा के प्रतिनिधि ने कहा कि नित्यानंद 'हिंदू धर्म में सबसे सर्वोच्च गुरू' है और उसे सताया जा रहा है । संयुक्त राष्ट्र की मीटिंग में नित्यानंद को सुरक्षा देने की मांग की गई है ।
क्या संयुक्त राष्ट्र ने दी है मान्यता
मीटिंग के दौरान उसने यह भी दावा किया कि 150 देशों में उसने दूतावास और गैर सरकारी संगठन स्थापित किए । हालांकि अभी यह पता नहीं चल सका है कि कैलाशा को संयुक्त राष्ट्र ने मान्यता दी है या नहीं। और अगर मान्यता दी गई है तो नित्यानंद को काल्पनिक देश का राजा किस प्रक्रिया के तहत बनाया गया? नित्यानंद यौन उत्पीड़न के आरोप में एक भगोड़ा घोषित है । नवंबर 2019 में गुजरात पुलिस ने बताया था कि वह फरार हो चुका है। पुलिस उसके आश्रम में बच्चों के अपहरण से जुड़े आरोपों की जांच कर रही थी ।
खड़ो होते हैं कई सवाल
अक्टूबर 2022 में ब्रिटेन के कंजर्वेटिव सांसदों को तब आलोचना झेलनी पड़ी जब उन्होंने नित्यानंद के समर्थकों को संसद में होने वाली दिवाली पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इंटरपोल ने नित्यानंद के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने से इनकार किया है। हालांकि एक काल्पनिक देश के प्रतिनिधि को इतने प्रतिष्ठित आयोजनों में शामिल होने देना कई सवाल खड़े करता है। सवाल है कि क्या इस तरह के आयोजनों में शामिल होने से यौन उत्पीड़ के आरोपी को बढ़ावा नहीं मिलेगा? दूसरा बड़ा सवाल है कि एक ऐसा देश जिसके अस्तित्व का कोई पता नहीं, क्या उसके प्रतिनिधियों को संयुक्त राष्ट्र की मीटिंग में शामिल होने देना संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों का अपमान नहीं है?
Comments