कहा- पार्टी ने कार्यकर्ताओं का ध्यान नहीं रखा
वडोदरा । लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात भाजपा विधायक केतन इनामदार ने मंगलवार को राज्य विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को सौंपा। उन्होंने कहा- लंबे समय से मुझे लगता है कि पार्टी ने छोटे और पुराने कार्यकर्ताओं का ध्यान नहीं रखा। मैंने नेतृत्व को इससे अवगत करा दिया है। इस्तीफे के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनका ये कदम दबाव की रणनीति नहीं है। उन्होंने अपनी "अंतरात्मा की आवाज" सुनी और कहा कि ‘खुद से बढ़कर कुछ नहीं है। इनामदार ने कहा कि संसदीय चुनाव में वे वडोदरा सीट से भाजपा उम्मीदवार रंजन भट्ट की जीत के लिए काम करेंगे।
11 साल से सावली से विधायक, तीन बार जीते
इनामदार ने 11 साल से अधिक समय तक सावली सीट का प्रतिनिधित्व किया और जब से वह भाजपा के ऐक्टिव मेंबर बने, तब से वह पार्टी से जुड़े हुए हैं।
2020 में भी दिया था इस्तीफा
इनामदार ने जनवरी 2020 में भी विधायक पद से इस्तीफे की घोषणा की थी, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया था। तब उन्होंने कहा था कि आत्म-सम्मान से बड़ा कुछ नहीं है। उन्होंने पार्टी के हर कार्यकर्ता की ओर से आवाज उठाते हुए कहा कि पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इस्तीफे के बाद उन्होंने दावा किया था कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और मंत्री उनकी और उनके चुनाव क्षेत्र की अनदेखी कर रहे थे जिसकी वजह से पार्टी के कई विधायक निराश थे।
2012 में निर्दलीय रहकर जीता था पहला चुनाव
इनामदार ने पहली बार 2012 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीता था। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए और 2017 और 2022 के चुनावों में दो बार जीत हासिल कर चुके हैं। गुजरात विधानसभा की कुल 182 सीटों में से फिलहाल बीजेपी के पास 156 सीटें हैं। गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर 7 मई को मतदान होगा और वोटों की गिनती 4 जून को होगी।
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