डॉ दुर्गेश केशवानी
लगभग 17 सालों बाद टाइगर रिजर्व की स्वीकृति का इंतजार कर रहे रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिल गया है। अब इसका नाम प्रसिद्ध पर्यावणविद् विष्णु श्रीधर वाकणकर के नाम पर होगा. ये सीएम मोहन यादव की दूरदर्शिता ही है जो उन्होंने भोपाल के निकट रातापानी को टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया और इसके कारण भोपाल भी अब विश्व पटल पर अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा। वन्य जीवन को नजदीक से देखने की चाह रखने वाले लोग आसानी से भोपाल पहुंचकर सीधे वाकणकर टाइगर रिजर्व तक पहुंच सकेंगे।
भोपाल के आसपास संरक्षित होगा जंगल
इस टाइगर रिजर्व के बफर जोन में शामिल दक्षिणी सीमा पर मौजूद राबियाबाद (कठौतिया) गांव भोपाल की सीमा से महज 15 किमी की दूरी पर है। वहीं यहां के 18 से ज्यादा बाघों का मूवमेंट भोपाल के केरवा और कलियासोत इलाके में साल भर बना रहता है। नए टाइगर रिजर्व के बनने से इन सभी बाघों का संरक्षण और संवर्धन भी होगा। भोपाल में पर्यटन उद्योग तेजी से विकसित होगा, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार की संभावनाएं भी विकसित होंगी।टूरिज्म से लेकर उद्योग समेत प्रदेश के सभी क्षेत्रों में चौमुखी विकास मध्यप्रदेश में हो रहा है। यह सब मुख्यमंत्री मोहन यादव की संवेदनशीलता के चलते हो रहा है। पूरे विश्व में मध्य प्रदेश टूरिज्म में अपना नाम करने के लिए अग्रणी है। वाकणकर टाइगर रिजर्व टूरिज्म के क्षेत्र में निश्चित तौर पर एक मील का पत्थर साबित होगा।
ये टाइगर रिजर्व भोपाल एयरपोर्ट से मात्र 35 से 36 किलोमीटर की दूरी पर है, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से सिर्फ 17 से 18 किलोमीटर हैं। ये पहले ऐसा टाइगर रिजर्व है जो किसी भी राजधानी के इतने करीब में है।इसके चलते भोपाल को भी टाइगर कैपिटल का दर्जा मिल गया है। जो दुनिया में केवल एक राजधानी के पास है. मुख्यमंत्री मोहन यादव को साधुवाद देता हूं जिनकी वजह से मध्य प्रदेश टूरिज्म में नए आयाम गढ़ने को तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा अनुरूप भारत 2047 में विकसित भारत की ओर अग्रसर है उसमें मध्य प्रदेश अपनी सहभागिता निभा रहा है।
बता दें कि इस टाइगर रिजर्व बनाने की सैद्धांतिक सहमति नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) द्वारा 2008 में ही दे दी गई थी, लेकिन कुछ शासकीय कारणों से टाइगर रिजर्व का दर्जा नहीं मिल सका। जिसे डॉ मोहन यादव ने केवल एक साल के कार्यकाल में इसे टाइगर रिजर्व की उपलब्धि दिलवा दी. बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में पर्यटन की संभावनाएं और रोजगार बढ़ाने के उद्देश्य से लंबे समय से रुके हुए कार्यों को तेजी से कर रहे हैं। जिसका फायदा प्रदेश की 7.5 करोड़ आबादी को होगा.
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