सवा लाख से ज्यादा वसूला, 4 क्विंटल तार खरीदवाया, फिर उसी की जब्ती दिखा अपराधी बना दिया
सिर चढ़कर बोली श्यामपुर पुलिस की मनमानी, मुजीब का मुसलमान होना बन गया सजा
भोपाल। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भले ही पार्टी की गाइड लाइन के अनुसार सब का साथ सबका विकास की बात करते नहीं थकते पर उनके मातहत कार्यरत गृह मंत्रालय के मैदानी अधिकारियों और कर्मियों की मनमानी चरम पर है। दरअसल राज्य के गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी स्वयं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने पास रखा है। उन्हें व्यस्तता के चलते विभागीय कार्यप्रणाली और पुलिसकर्मियों की मनमानी और गुंडागर्दी देखने की बतौर मंत्री फुर्सत ही नहीं है। बस इसी का फायदा उठाते हुए राज्य के थानों में पदस्थ पुलिस स्टॉफ की मनमानी सातवें आसमान पर है। हालत इतने खराब हैं कि दूर दराज तो छोड़िए राजधानी और उससे सटे हुए आसपास के जिलों की थानों में पदस्थ पुलिसकर्मी किसी भी आम आदमी को आरोपी घोषित कर देते हैं। ताजा मामला राजधानी से लगे रायसेन जिले की मंडीदीप का सामने आया है, जहां एक साधारण से व्यापारी के यहां कार्यरत कर्मचारियों को सीहोर जिले की श्यामपुर थाने के दो पुलिसकर्मी उपनिरीक्षक रामबाबू राठौर एवं आरक्षक पवन राजपूत ने पहले तो बिना अपराध थाने में बंद कर दिया। इसके बाद दबाव बनाते हुए उनसे 1 लाख 30 हजार रुपए ले लिया। इससे भी उन पुलिस कर्मियों का पेट नहीं भरा तो उन्हीं व्यक्तियों से जबरन 4 क्विंटल तार खरीदवाया फिर उसी तार की फर्जी जब्ती भी बना दी। श्यामपुर थाने के पुलिस की इस ज्यादती से तो अंग्रेजों के जमाने की याद ताजा हो गई।
मप्र के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, डीजी लोकायुक्त जयदीप प्रसाद, डीजीपी डॉ कैलाश मकवाना सहित, आईजी भोपाल, एसपी रायसेन और सीहोर सहित अन्य पुलिस अफसरों को दिए शिकायती आवेदन में झलारकलां, मण्डीदीप, जिला रायसेन निवासी 35 वर्षीय मुजीब खान पिता शौकत खान ने लेख किया है कि उनकी मण्डीदीप में स्थित ट्रेडिंग शॉप में 7-8 व्यक्ति कार्यरत हैं। एक दिन सीहोर के पुलिस थाना श्यामपुर में पदस्थ उपनिरीक्षक रामबाबू राठौर एवं आरक्षक पवन राजपूत मण्डीदीप आकर मेरे दो कर्मचारियों सादिक खांन आ. मुबारिक खान एवं हैदर अली आ. मुश्ताक खान, के घर में घुस गए और दबाव बनाया कि इन दोनों की थाना श्यामपुर भेज देना। इसके बाद श्यामपुर पुलिस 20 नवंबर को हैदर के भाई सलमान खान को अकारण उठा ले गई गए और उसे अवैध रूप से हिरासत में रखकर जानवरों जैसा व्यवहार करते हुए जमकर अत्यधिक मारपीट की गई। 21 नवंबर को हैदर श्यामपुर थाने पहुंचा तो पुलिस ने हैदर के भाई सलमान को छोड़ दिया। लेकिन श्यामपुर थाने के उपनिरीक्षक रामबाबू राठौर एवं आरक्षक पवन राजपूत ने मुजीब खान पर दबाव बनाया कि वो उसके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे और मुल्जिम बनाकर जेल भेज देंगे।
पुलिसकर्मी ने बाइक की डिग्गी में रखवाई रिश्वत की रकम
श्यामपुर थाने के उपनिरीक्षक रामबाबू राठौर एवं आरक्षक पवन राजपूत ने मुजीब खान पर दबाव बनाया कि वह बिजली वाला 5 क्विंटल तार खरीदकर उनको देते हुए अपना एक वाहन भी जप्त करा दो तो हम मुजीब को मुल्जिम नहीं बनाएंगे, साथ ही उससे नगद 2 लाख रुपए की मांग की । इतनी राशि पर मुजीब द्वारा असमर्थता जताने पर उपनिरीक्षक रामबाबू राठौर और आरक्षक पवन राजपूत ने 1लाख 30 हजार की डिमांड की। किसी तरह मुजीब खान ने 1लाख 30 हजार का प्रबंध कर झलारकलां, मण्डीदीप जिला रायसेन निवासी इरफान आ. मुन्ना खान के माध्यम से दी। दोपहर 1:30 बजे थाने के पीछे, जहां पुलिस कर्मियों की गाड़ी खड़ी रहती है, वहां पर उपनिरीक्षक रामबाबू राठौर ने मुजीब खान से रिश्वत की रकम पेपर में लपेटकर बाईक के बैग में डलवा लिये। मुजीब के अनुसार जिस वक्त यह रकम दी गई उस समय वहां साक्षी मुश्ताक खांन आ. ख्वाजा खां, निवासी-भौंरी, तह. हुजूर, जिला-भोपाल भी मौजूद था।
पहले खरीदवाया बिजली के तार, फिर बना दी फर्जी जब्ती
मंडीदीप निवासी मुजीब खान और उनके कर्मचारियों का एक जाति विशेष से होना मानो ऐसा अपराध बन गया कि थाना श्यामपुर के पुलिसकर्मी कहर बनकर अकारण ही उनको समाज के सामने अपराधी बना दिया। श्यामपुर पुलिस के दवाब में मुजीब खान ने बाजार से 22 नवंबर को 4 क्विंटल तार जिसकी कीमत 89 हजार 680 रु थी, को अपने वाहन क्रमांक एमपी-39-जी-1687 के माध्यम से उसी दिन ड्रायवर शोएब खान के माध्यम से थाना श्यामपुर भेजा। उक्त वाहन दोपहर करीब 1 बजे तार लेकर थाना-श्यामपुर पहुंच गया, पुलिस ने गाड़ी को जप्त कर ली और ड्रायवर शोएब को छोड़ दिया। इसके बाद पुलिस थाना श्यामपुर में पदस्थ उपनिरीक्षक रामबाबू राठौर एवं आरक्षक पवन राजपूत ने मुजीब खान पर एक अन्य व्यक्ति को भेजने का दबाव बनाया गया और यह कहा गया कि हम उसे ड्रायवर दिखाते हुए मुल्जिम बनाकर जमानत करा देंगे। जब मुजीब खान ने ऐसा करने से मना किया तो पुलिस थाना श्यामपुर में पदस्थ उपनिरीक्षक रामबाबू राठौर एवं आरक्षक पवन राजपूत ने निरापराध होते भी हैदर अली एवं सादिक खान को मुल्जिम बनाकर झूठे दो प्रकरण पंजीबद्ध कर दिये गये हैं। इतना ही नहीं मुजीब के वाहन महिन्द्रा पिकअप क्रमांक एमपी-39-जी-1687 की फर्जी जब्ती बनाकर थाने में खड़ा करवा दिया।
फंसाने के लिए गढ़ दी असत्य कहानी
पुलिस कर्मियों की मनमानी और अंधेरगर्दी इस कदर छाई हुई है कि उन्हें सही गलत में कोई फर्क भी नजर नहीं आता। यह इस बात से समझा जा सकता है कि जिस महिंद्रा पिकअप वाहन को श्यामपुर पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कुरावर से भोपाल चोरी के बिजली तार ले जाते हुए पकड़ना बताया है वह तो उसी थाने के उपनिरीक्षक रामबाबू राठौर और आरक्षक पवन राजपूत के दवाब बनाने पर स्वयं मुजीब खान ने भोपाल से श्यामपुर थाने के लिए भेजा था। उक्त वाहन भोपाल से 11 मील टोल नाका पर 10.53 बजे, सोनकच्छ टोल नाका पर 12.02 बजे गुजरा था और 1 बजे थाना श्यामपुर पहुंच गया था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मध्यप्रदेश की पुलिस किस तरह चंद रुपयों के लिए अपने ईमान को गिरवी रख कर किसी को आरोपी बनाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि जिस विभाग के मुखिया स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री हो उस महकमे के लोगों की गुंडागर्दी से आम जनता त्राहि त्राहि करे तो उससे दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता।
अपने आवेदन में मुजीब खान ने पुलिस थाना श्यामपुर में पदस्थ उपनिरीक्षक रामबाबू राठौर एवं आरक्षक पवन राजपूत पर पद का दुरुपयोग करने के कारण जांच कराकर एफआईआर दर्ज करने और षड्यन्त्र रचकर उनके वाहन को जप्त करने एवं दो कर्मचारियों को निर्दोष होते हुए भी मुल्जिम बनाने के संबंध में कानूनी एवं निष्पक्ष जांच करने की मांग की है ताकि ताकि निकट भविष्य में इस प्रकार के असत्य आधारों पर प्रकरण पंजीबद्ध न हो सके।
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