भोपाल। आरती सिन्हा ट्रस्ट द्वारा वर्ल्ड साउंड हीलिंग डे के अवसर पर इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट भोपाल में प्राचार्य डॉ रोहित सरीन के सहयोग से एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन युवा छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणादायक रहा, जिसमें साउंड हीलिंग के महत्व और इसके लाभों पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता डॉ. आरती सिन्हा ने साउंड हीलिंग के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक पहलुओं को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि ध्वनि चिकित्सा से न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि इसे पृथ्वी की ऊर्जा संतुलित करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।
कार्यक्रम में विशेष रूप से लिवर हीलिंग के लिए ध्यान एवं ध्वनि सत्र आयोजित किया गया, जिससे उपस्थित लोगों को साउंड थेरेपी का प्रत्यक्ष अनुभव हुआ। इसके अलावा, हार्ट चक्र को सक्रिय करने के लिए "आह" मंत्र का सामूहिक जाप किया गया, जो सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करने और पृथ्वी को हीलिंग प्रदान करने का प्रतीक था।
पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए विशिष्ट अतिथियों को जेड प्लांट भेंट किए गए, जिन्हें फेंग शुई में सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित करने वाला पौधा माना जाता है। यह पहल प्रकृति संरक्षण और हरित पर्यावरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई। इसके अलावा, मिट्टी के बर्तन बनाने की गतिविधि भी आयोजित की गई, जो मूलाधार चक्र को सक्रिय करने और प्रकृति से जुड़ाव को गहरा करने में सहायक होती है। इस पहल के माध्यम से छात्रों को धरती के प्रति संवेदनशीलता और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराया गया।
अतिथियों ने साझा किए अनुभव
इस कार्यक्रम में कई वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें डीजी लोकायुक्त जयदीप प्रसाद, रिटायर्ड डीजीपी डॉ. एनके त्रिपाठी, ए. के. श्रीवास्तव, एसीपी क्राइम मुख्यालय पंकज श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर श्री बोरासी, आईएचएम की हेड ऑफ डिपार्टमेंट आशा कोलेकर, जीके मिश्रा, निखिल आचार्य आदि अतिथियों ने अपने अनुभव साझा किए और छात्रों को ध्वनि चिकित्सा, पर्यावरण संरक्षण और आध्यात्मिक संतुलन के महत्व पर प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन अंकिता मिश्रा एवं यशस्वी बक्शी ने किया।
मां वसुंधरा की रक्षा का लिया संकल्प
कार्यक्रम के अंत में सभी छात्र-छात्राओं ने "मां वसुंधरा" (पृथ्वी) की रक्षा और सुरक्षा का संकल्प लिया। अतिथियों ने भी हीलिंग संदेशों पर हस्ताक्षर कर इसे बोर्ड पर लगाया, जिससे यह अभियान और अधिक प्रभावशाली बना। इस आयोजन के माध्यम से भोपाल शहर ने वर्ल्ड साउंड हीलिंग डे के इस वैश्विक प्रयास में योगदान दिया और ध्वनि चिकित्सा के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने का संदेश दिया।
यह था कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य
हील योरसेल्फ (स्वयं को हील करें), हील मदर अर्थ (पृथ्वी को हील करें), हील द प्लैनेट (संपूर्ण ग्रह को हील करें)। इस कार्यक्रम ने साउंड हीलिंग के माध्यम से स्वास्थ्य, आध्यात्मिकता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया। यह आयोजन युवाओं को मानसिक और शारीरिक संतुलन के साथ-साथ प्रकृति से जुड़ने की प्रेरणा देने में सफल रहा। अर्थ का ध्यान न रखें तो अनर्थ हो सकता है। इस संदेश के साथ सभी प्रतिभागियों ने पृथ्वी और पर्यावरण की रक्षा के लिए अपना योगदान देने का संकल्प लिया।
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