जयपुर। साहित्यिक जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुकीं सुप्रसिद्ध कवयित्री रेनू ‘शब्द मुखर’ का जन्मदिवस इस वर्ष एक आत्मीय और अविस्मरणीय आयोजन के रूप में मनाया गया। यद्यपि उनका जन्मदिवस 9 अप्रैल को पड़ता है, किंतु उत्सव का शुभारंभ दो दिन पूर्व ही हो गया था, और यह क्रम अभी तक उल्लासपूर्वक जारी है। यह आयोजन केवल एक सामाजिक मिलन नहीं, बल्कि सच्ची मित्रता, स्नेह और सौहार्द का सजीव उत्सव बन गया। रेनू 'शब्द मुखर' ने इस अवसर पर अपने अभिन्न मित्रों के प्रति हार्दिक आभार प्रकट करते हुए लिखा, कुछ रिश्ते किस्मत से नहीं, दिल से मिलते हैं । उन्होंने उल्लेख किया कि उनके जीवन में सम्मिलित मित्रगण आरती भदौरिया, कुमुद शर्मा, भर्ती शर्मा, पूजा भास्कर एवं एड. सब्रा हुसैन उनके लिए किसी अमूल्य उपहार से कम नहीं हैं।
रेनू के अनुसार, इन आत्मीय साथियों की हँसी, मस्ती और जबरदस्ती की गई छोटी-बड़ी पार्टियों ने इस जन्मदिन को अत्यंत खास और अविस्मरणीय बना दिया। मधुर हास्य-व्यवहार, परस्पर स्नेह और सौंदर्यपूर्ण संवादों से समृद्ध इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि जीवन की सच्ची खुशियाँ उन रिश्तों में छिपी होती हैं, जो मन से जुड़े होते हैं। रेनू ‘शब्द मुखर’ की काव्य प्रतिभा और मानवीय संवेदनशीलता ने उन्हें साहित्य जगत में विशेष स्थान दिलाया है, और उनके जन्मदिवस का यह सजीव आयोजन उसी मानवीय ऊष्मा और आत्मीयता का प्रतीक रहा।
Comments